This is a Hindi poetry written for someone I love to death. Do read.
तुझे भूल जाऊं ये मुमकिन कहां
याद तेरी जाति ही नहीं
कुछ पल भर तो मिला दो
महिनो से देखा ही नहीं
तेरी मुस्कान देख लू
कब से घर कमल खिला ही नहीं
हाथ तेरे हाथों से थमुन
कब से ये खाली हाथ भरा ही
तो नहीं
बीते पल मोबाइल में देख रहा हूं मैं
तेरे जैसा यहां देखा ही नहीं
प्यार तुझसे इतना किया बच्चे
बाकी प्यार रहा ही नहीं
कुछ तो बात ही देख लो
हमारा पहला का है कुछ नहीं
गम तेरे पलकों में भरलून
तेरे रोने की फिर वजह ही नहीं
तू नहीं तो कुछ नहीं ऐ दोस्त
तेरे बिना जीने की वजह ही नहीं
थोड़ा रुक जा जी भर देख लू
फिर देखु या नहीं
मौत थम जा जी लून थोड़ा कुछ रोज
अभी तो जी भर मिला ही
Veeru